
बंबई उच्च न्यायालय ने जेल के कैदियों के लिए वॉयस एवं वीडियो कॉल की सुविधा पर महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा
मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने जेल के कैदियों के लिए उनके परिजन तथा वकीलों से बातचीत करने के वास्ते वॉयस तथा वीडियो कॉल की सुविधा दोबारा शुरू करने का अनुरोध करने संबंधी एक याचिका पर सोमवार को महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा है।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता एवं न्यायमूर्ति वी जी बिष्ट की खंडपीठ ने कहा कि यह एक अहम मुद्दा है और हर कोई कैदी से मिलने जेल नहीं जा सकता।
न्यायमूर्ति दत्ता ने कहा, ‘‘ यह जरूरी मामला है। हर कोई जेल नहीं जा सकता…..वॉयस और वीडियो कॉल सुविधा की अनुमति क्यों नहीं दी जा सकती?’’
अदालत ने अतिरिक्त सरकारी वकील ए आर पाटिल को सरकार से इस संबंध में निर्देश लेने को कहा और मामले की अगली सुनवाई के लिए चार मई की तारीख निर्धारित की।
यह जनहित याचिका गैर सरकारी संगठन ‘पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टी’ ने दाखिल की थी और दावा किया था कि जेल के कैदियों के लिए वॉयस और वीडियो कॉल की सुविधा जानबूझ कर और मनमाने तरीके से 2021में बंद कर दी गयी थी।
याचिका में कहा गया है कि वॉयस और वीडियो कॉल की सुविधा उन कैदियों के लिए सुविधाजनक हैं जो अपने शहर से बाहर की जेलों में बंद हैं।
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