
मनसे प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ जारी किया गैर जमानती वारंट
मुंबई : महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रजनीश सेठ ने कहा कि राज्य पुलिस लाउडस्पीकर विवाद में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे द्वारा आहूत आंदोलन से उत्पन्न किसी भी कानून-व्यवस्था के मुद्दों से निपटने के लिए तैयार है और कहा कि पुलिस मंगलवार को ही उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करेगी। इस बीच पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली जिले की एक अदालत ने 14 साल पुराने एक मामले में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है।
राज ठाकरे ने 1 मई को औरंगाबाद में अपने भाषण के दौरान राज्य सरकार को 4 मई (बुधवार) तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने का अल्टीमेटम दिया था। साथ ही ऐसा नहीं किए जाने पर “मस्जिदों के सामने (अज़ान की तुलना में) तेज आवाज में हनुमान चालीसा का बजाया जाएगा।”
2008 में, श्री ठाकरे पर कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के लिए आईपीसी की धारा 109 और 117 (अपराध के लिए उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया गया था। 6 अप्रैल को गैर-जमानती वारंट जारी करते हुए, सांगली जिले के शिराला में न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रथम श्रेणी ने मुंबई पुलिस आयुक्त को मनसे प्रमुख को गिरफ्तार करने और अदालत के समक्ष पेश करने के लिए कहा।
सहायक लोक अभियोजक, ज्योति पाटिल ने कहा कि न्यायाधीश ने श्री ठाकरे और एक अन्य मनसे नेता शिरीष पारकर के खिलाफ क्रमशः मुंबई पुलिस आयुक्त और खेरवाड़ी पुलिस स्टेशन के माध्यम से वारंट जारी किया क्योंकि वे मामले की कार्यवाही के दौरान अदालत के सामने खुद को पेश करने में विफल रहे। उन्होंने कहा कि अदालत ने पुलिस से आठ जून से पहले वारंट लागू करने और दोनों नेताओं को अदालत में पेश करने को कहा है।
अपनी शुरुआती टिप्पणी में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रजनीश सेठ ने कहा: “गृह मंत्री (दिलीप वालसे-पाटिल) ने कानून और व्यवस्था के (रखरखाव) के लिए एक बैठक की। शांति व मोहल्ला कमेटी के साथ कई बैठकें हो चुकी हैं। हम कानून-व्यवस्था की किसी भी समस्या और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। (पुलिस कर्मियों के) सभी अवकाश रद्द कर दिए गए हैं।
कहा, हमने 15,000 अपराधियों और असामाजिक तत्वों के खिलाफ निवारक कार्रवाई की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे कानून और व्यवस्था का कोई मुद्दा न बनाएं। हमने 13,000 लोगों को नोटिस भी दिया है। स्थानीय पुलिस स्तर पर कई बैठकें की गईं। राज्य भर में एसआरपीएफ की 87 कंपनियां और 30,000 से ज्यादा होमगार्ड तैनात किए गए हैं। सार्वजनिक शांति भंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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