
शिवसेना को एक और झटका, नवी मुंबई-ठाणे के बाद अब कल्याण डोंबिवली में 55 कॉर्पोरेटर्स शिंदे के साथ
Rokthok Lekhani
मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे खेमे को एक और बड़ा झटका लगा है। बुधवार को ठाणे के 67 शिवसेना पार्षदों में से 66 एकनाथ शिंदे खेमे में चला गया था। अब कल्याण डोंबिवली महानगरपालिका में शिवसेना के 55 कॉर्पोरेटर्स ने उद्धव की जगह एकनाथ शिंदे के समर्थन का ऐलान किया है। खासबात यह है कि कल्याण डोंबिवली महानगर पालिका के अध्यक्ष राजेश मोहे भी खुद शिंदे खेमे में शामिल हो गए हैं।
महाराष्ट्र में इसे उद्धव ठाकरे और शिवसेना के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है। इससे पहले नवी मुंबई में शिवसेना के 32 कॉर्पोरेटरों ने एकनाथ शिंदे गुट का समर्थन किया था। गुरुवार को ठाणे में शिवसेना के 67 में 66 कॉर्पोरेटर्स ने एकनाथ शिंदे गुट जॉइन किया था।
महाराष्ट्र की सत्ता जाने के बाद से उद्धव ठाकरे के हाथ से एक-एक करके अब निगम भी फिसलता जा रहा है। शिवसेना को 9 निगमों में से तीन पर बड़ा झटका लग चुका है। मुंबई में 9 निगम मुंबई, ठाणे, उल्हासनगर, मीरा भायंदर, बसई-विरार, पनवेल, नवी मुंबई, कल्याण डोंबिवली, भिवंडी निजामपुर हैं। इनमें से तीन नवी मुंबई, ठाणे और अब कल्याण डोंबिवली पूरी तरह से शिवसेना के हाथ से निकल गया है।
तीन निगमों के हाथ से निकलने के बाद अभी कहा जा रहा है कि शिवसेना को और भी झटके लग सकते हैं। अन्य निगमों के पार्षद भी बीजेपी और एकनाथ शिंदे गुट में आ सकते हैं। हालांकि अधिकतर निगमों का कार्यकाल पूरा हो चुका है। जल्द ही चुनाव होने हैं लेकिन इतनी बड़ी संख्या में पार्षदों को शिवसेना छोड़कर एकनाथ शिंदे गुट में जाना, उन्हें फायदा पहुंचाएगा और उद्धव को नुकसान।
इस कदम के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता क्योंकि मुंबई के बाद, ठाणे को शिवसेना के गढ़ के रूप में देखा गया था और कल्याण डोंबिवली में भी शिवसेना का होल्ड था। शिंदे की पार्टी की ठाणे, पालघर, कल्याण डोंबिवली और भिवंडी इकाइयों में पकड़ है। सूत्रों ने कहा कि नवी मुंबई के अन्य 25 नगरसेवकों के भी शिंदे में शामिल होने की संभावना है।
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