RTI में हुआ खुलासा...मुंबई में 2021-22 के बीच नसबंदी के बाद भी 10 महिलाएं हुई प्रेग्नेंट
Revealed in RTI... 10 women pregnant even after sterilization between 2021-22 in Mumbai
मुंबई : आमतौर पर प्रेगनेंसी को पूरी तरह से रोकने के लिए महिलाएं नसबंदी कराती हैं. ये एक बेहद आसान और सुरक्षित प्रक्रिया है. इसमें फैलोपियन ट्यूब को ब्लॉक कर दिया जाता है जिससे महिला कंसीव नहीं करती हैं. लेकिन कई बार ये ऑपरेशन फेल भी हो जाते हैं. एक नए डेटा के मुताबिक मुंबई में 2021-22 के बीच 10 ऐसे केस सामने आए जहां महिलाओं की नसबंदी सफल नहीं रही. यानी नसबंदी के बाद भी महिलाएं कंसीव कर गईं. इस जानकारी का खुलासा एक आरटीआई के जरिए हुआ है.
पिछले तीन साल में ये सबसे बड़ा आंकड़ा है. साल 2019-20 में सिर्फ 4 ऐसे केस आए थे. कोरोना के दौरान यानी 2020-21 में ये आंकड़ा सिर्फ 3 पर था. लेकिन अब इस साल इसमें भारी इज़ाफा हुआ है. और अब इस साल अब तक फेल होने के 10 केस सामने आए हैं.
मुंबई के एक डॉक्टर के मुताबिक फेल होने की रेट बेहद कम हैं. आरटीआई के आंकड़ों के मुताबिक साल 2021-22 में 14,598 महिलाओं ने नसबंदी कराई थी. इसमें से 10 महिलाएं दोबारा कंसीव कर गईं. यानी हिसाब लगाया जाए तो नसबंदी फेल होने की दर महज 0.07 फीसदी है. बता दें कि नसबंदी फेल होने पर मरीजों को स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से 30 हज़ार रुपये का मुवाजा दिया जाता है.
बीएमसी के डेटा के मुताबिक हाल के दिनों में कोरोना महामारी के चलते नसबंदी करवाने वालों की संख्या में भारी कमी देखी गई है. साल 2020-21 में सिर्फ 11,895 महिलाओं ने नसंबदी करवाई. यानी पहले के साल के मुकाबाले 42 परसेंट की इसमें कमी देखी गई. साल 2017-18 ये संख्या 20,750 थी. और अब साल 2021-22 में ये संख्या घटकर 14, 598 पर पहुंच गई.
हाल के दिनों में पुरुष नसबंदी में भी भारी कमी देखी गई है. साल 2017-18 में पुरुष नसबंदी की संख्या 914 थी. साल 2020-21 में ये संख्या घटकर महज 49 पर पहुंच गई. हालांकि 2021-22 में इसमें थोड़ा इजाफा देखा गया और ये संख्या 61 पर पहुंची. बीएमसी के डेटा के मुताबिक इस साल मई तक 61 परुषों ने नसबंदी कराई. जबकि महिलाओं में ये संख्या 1705 रही.
Comment List