
...आतंकवाद और साइबर अपराध मुंबई पुलिस के समक्ष मुख्य चुनौती : पुलिस आयुक्त विवेक फणसालकर
Terrorism and cyber crime are the main challenges before Mumbai Police: Police Commissioner Vivek Phansalkar
मुंबई : मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक फणसालकर ने कहा कि शहर की पुलिस के लिए आतंकवाद और साइबर अपराध से निपटना प्रमुख चुनौतियां हैं लेकिन साथ ही महानगर को सुरक्षित तथा आतंकवाद मुक्त रखने के प्रयास किए जा रहे हैं। हाल में शहर का शीर्ष पुलिस पद संभालने वाले विवेक ने ‘कहा कि महिलाओं, बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों और समाज के वंचित वर्गों की सुरक्षा मुंबई पुलिस की प्राथमिकता है।
मुंबई में वर्ष 1993 के सिलसिलेवार बम धमाके, वर्ष 2007 के ट्रेन धमाकों और नवंबर 2008 में आतंकवादी हमले समेत कई आतंकी घटनाएं हुईं, जिनमें कई लोगों ने जान गंवाई।
विवेक ने कहा कि मुंबई एक महत्वपूर्ण शहर है और पुलिस सभी एजेंसियों जैसे कि आतंकवाद रोधी दस्ता (एटीएस), फोर्स वन (मुंबई पुलिस की विशेष आतंकवाद रोधी इकाई) और राज्य खुफिया विभाग के साथ मिलकर निरंतर काम कर रही है, ताकि इसे सुरक्षित रखा जाए।
उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद से निपटना मुंबई पुलिस के समक्ष एक चुनौती है और शहर को सुरक्षित तथा आतंकवाद मुक्त रखने के लिए हमारे प्रयास चल रहे हैं। यहां प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा मुंबई पुलिस का प्रमुख कर्तव्य है।’’
भारतीय पुलिस सेवा के वर्ष 1989 बैच के अधिकारी विवेक ने कहा कि शहर पिछले कुछ वर्षों से सुरक्षित रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि पुलिस को जमीनी स्तर पर खुफिया जानकारी एकत्रित करनी चाहिए और लोगों से नियमित आधार पर मिलना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘नागरिकों के बीच यह भाव है कि मुंबई पुलिस हमारी पुलिस है।’’
अधिकारी ने कहा कि अगर लोगों को किसी संदिग्ध गतिविधि का पता चलता है, तो उन्हें तुरंत पुलिस नियंत्रण कक्ष या स्थानीय पुलिस थाने को सूचना देनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘सभी एजेंसियों के समूहिक प्रयासों के साथ मैं मुंबई वासियों को आश्वासन देता हूं कि वे आतंकवाद मुक्त जिंदगी जी सकेंगे।’’
उन्होंने कहा कि साइबर अपराध बढ़ना भी पुलिस के सामने एक चुनौती है और इससे निपटने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। अपराध के मामलों में दोषसिद्धि की दर बढ़ाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं।
विवेक ने कहा कि मुंबई पुलिस ऐसे मामलों की जांच करने वाले सभी अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को सम्मानित करेगी।
मुंबई पुलिस ने 12 जुलाई को वे दो आदेश वापस ले लिए थे, जिसमें कहा गया था कि उसके कर्मियों को यौन शोषण और पोक्सो कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज करने के लिए पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) पद के अधिकारी की अनुमति लेनी पड़ेगी।
ये आदेश छह और 17 जून को तत्कालीन पुलिस आयुक्त संजय पांडेय ने जारी किए थे, जो गत 30 जून को सेवानिवृत्त हो गए।
सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनीतिक नेताओं के एक वर्ग ने दावा किया था कि इन आदेशों से महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों में न्याय हासिल करने की प्रक्रिया धीमी हो जाएगी।
पुलिस आयुक्त विवेक ने कहा कि आदेश ‘‘अनावश्यक’’ था और वापस ले लिया गया।
उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस अपने थानों और सुरक्षा कर्मियों को बच्चों के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए भी आवश्यक कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन मुस्कान’ के तहत पुलिस ने हजारों लापता बच्चों को उनके परिवारों से फिर से मिलाने के लिए कड़ी मेहनत की है।
Related Posts
Post Comment
Latest News

Comment List