
ओबीसी को आरक्षण : कई त्रुटियों पर काम करने की जरूरत- राकांपा नेता छगन भुजबल
Reservation for OBCs: Need to work on many flaws: NCP leader Chhagan Bhujbal
मुंबई : पूर्व मंत्री और वरिष्ठ राकांपा नेता छगन भुजबल का कहना है कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण मिला है, लेकिन अभी लड़ाई खत्म नहीं हुई है। जो रिपोर्ट मिली है, उसमें 60 प्रतिशत ओबीसी रहते हुए कुछ गावों में शून्य प्रतिशत ओबीसी दिखाए गए है।
कई त्रुटियां हैं, जिन पर काम करना होगा। आगे की लड़ाई पूर्ण आरक्षण के लिए हर जिले में लड़नी होगी। भुजबल ने यह बात नासिक में अपने सम्मान समारोह में कही। राज्य में ओबीसी आरक्षण बहाल होने पर समता परिषद की तरफ से उनका सम्मान किया गया।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि सरकारें आती-जाती रहती हैं, लेकिन राज्य के पिछड़े वर्ग के नागरिकों और उन्हें मिलने वाली सुविधाओं के साथ-साथ सरकारी लाभ पाने के लिए कई वर्षों तक संघर्ष करना पड़ता है, तब कहीं जाकर न्याय मिलता है। ओबीसी आरक्षण के लिए भी इसी तरीके से लड़ाई लड़नी पड़ी।
मंडल आयोग की रिपोर्ट आई, इसे मान लिया गया, लेकिन इसे लेकर कई बार अदालत जाना पड़ा। इसके माध्यम से ओबीसी को शिक्षा, नौकरियों में आरक्षण मिला। उसके बाद पूरी दुनिया में कोरोना का संकट खड़ा हो गया था। इससे पहले फडणवीस सरकार के दौरान भी ओबीसी आरक्षण के लिए प्रयास किए गए थे। वे इंपीरियल डेटा के लिए केंद्र के पास गए, लेकिन वह मिला नहीं।
इसके बाद महाविकास आघाड़ी सरकार आई। इस बार हम सुप्रीम कोर्ट गए। हम इंपीरियल डेटा के लिए केंद्र तक गए। केंद्र ने कहा कि डेटा है, लेकिन ओबीसी का नहीं है, फिर आयोग बनाया गया, 15 दिनों में काम करने को कहा गया, लेकिन वह खारिज कर दिया, फिर चार महीने बाद रिपोर्ट आई और इसे मंजूरी दी गई।
इस प्रकार ओबीसी आरक्षण का 99 प्रतिशत कार्य महाविकास आघाड़ी सरकार के दौरान हुआ। तो उन सभी का धन्यवाद, जो ओबीसी आरक्षण के लिए लड़ रहे थे। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और फडणवीस सरकार को भी धन्यवाद। भुजबल ने देवेंद्र फडणवीस साहब को विशेष धन्यवाद दिया। इस तरह भुजबल ने संक्षेप में ओबीसी आरक्षण की यात्रा पर प्रकाश डाला।
वरिष्ठ ओबीसी नेता ने कहा कि आरक्षण तो मिला, लेकिन हमारी लड़ाई खत्म नहीं हुई है। जानकारी मिली है कि कुछ गांवों में 60 फीसदी ओबीसी हैं, लेकिन उनकी संख्या को शून्य फीसदी दिखाया गया है। कई त्रुटियां हैं, जिन पर काम करने की जरूरत है।
पूर्ण आरक्षण के लिए अगली लड़ाई हर जिले में लड़नी होगी। भुजबल ने भारत सरकार से विशेष अनुरोध किया है कि महाराष्ट्र की समस्या का समाधान हो गया, लेकिन देश के अन्य राज्यों में ओबीसी के मुद्दे को भी हल किया जाए।
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