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ऑनलाइन कोर्सिज में विदेश मंत्रालय ने विदेशी विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए नियमों में संशोधन किया
Ministry of External Affairs amended rules to encourage foreign students in online courses
ऑनलाइन कोर्सिज में विदेश मंत्रालय के माध्यम से पंजीकरण करने के लिए विदेशी विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए नियमों में संशोधन किया है। ओपन एंड डिस्टैंस लर्निंग की गाइडलाइंस में संशोधन कर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इसे अधिसूचित भी कर दिया है।
इसके तहत संशोधित ऑनलाइन प्रोग्राम में पंजीकरण के लिए अधिक विदेशी विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने का कार्य किया जाएगा। यूजीसी द्वारा ओपन और डिस्टैंस लर्निंग प्रोग्राम और ऑनलाइन प्रोग्राम के लिए सैकेंड अमैंडमैंट रैगुलेशन-2022 को राजपत्र में अधिसूचित कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 के नियमों के अनुसार पासपोर्ट अंतर्राष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए एकमात्र पहचान हुआ करती थी। हालांकि विदेश मंत्रालय द्वारा कई बार कई आवेदन को समाप्त हो चुके पासपोर्ट जमा करने या न करने के कारण खारिज किया जा चुका है।
इस कारण विद्यार्थी कई डिस्टैंस लर्निंग कोर्स करने के साथ स्कॉलरशिप और अन्य लाभ का हिस्सा नहीं बन पाते थे। हालांकि विदेश मंत्रालय ने यूजीसी से फोटो के साथ किसी भी राष्ट्रीय पहचान पत्र पर विचार करने और विद्या भारती परियोजना के तहत विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय में प्रवेश सुरक्षित करने के लिए पासपोर्ट के अनिवार्य नियमित छूट देने की बात कही है।
ई-विद्या भारती परियोजना के तहत अफ्रीकी छात्रों को छात्रवृत्ति उपलब्ध करवाई जाती है। अफ्रीकी विद्यार्थियों को 5 वर्ष की अवधि में कम से कम 15000 रुपए छात्रवृत्ति उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा गया है। यूजीसी के अनुसार संशोधन केवल विदेश मंत्रालय के माध्यम से यूजीसी प्लेटफार्म पर नामांकन करने वाले विद्यार्थियों के लिए ही लागू होगा।
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