
महाराष्ट्र में सरकार गठन की दिशा चुनाव के कोई गुंजाइश नहीं, पूरे पांच साल चलेगी सरकार : शरद पवार
मुंबई :महाराष्ट्र में सरकार गठन की दिशा में पहला ठोस कदम उठाते हुए शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस ने कल 40 बिंदुओं का साझा न्यूनतम कार्यक्रम तैयार किया। कल मुंबई में तीनों दलों की कई बैठकों के बाद यह कार्यक्रम तैयार हुआ।
बैठक में कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण, विजय वडेट्टीवार और माणिकराव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता जयंत पाटिल, नवाब मलिक और छगन भुजबल तथा शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे और सुभाष देसाई शामिल हुए।महाराष्ट्र में सरकार गठन की दिशा में पहला ठोस कदम उठाते हुए शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस ने कल 40 बिंदुओं का साझा न्यूनतम कार्यक्रम तैयार किया। कल मुंबई में तीनों दलों की कई बैठकों के बाद यह कार्यक्रम तैयार हुआ।जिसमें एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया। इस बैठक के दौरान तीनों पार्टियों में कई मुद्दों को लेकर सहमति बनी। जिनमें महाराष्ट्र में मुस्लिमों को 5 प्रतिशत आरक्षण देना, शिवसेना द्वारा वीर सावरकर को भारत रत्न देने की मांग से पीछे हटना आदि बातें शामिल हैं।
बैठक में कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण, विजय वडेट्टीवार और माणिकराव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता जयंत पाटिल, नवाब मलिक और छगन भुजबल तथा शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे और सुभाष देसाई शामिल हुए।महाराष्ट्र में सरकार गठन की दिशा में पहला ठोस कदम उठाते हुए शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस ने कल 40 बिंदुओं का साझा न्यूनतम कार्यक्रम तैयार किया। कल मुंबई में तीनों दलों की कई बैठकों के बाद यह कार्यक्रम तैयार हुआ।
बैठक में कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण, विजय वडेट्टीवार और माणिकराव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता जयंत पाटिल, नवाब मलिक और छगन भुजबल तथा शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे और सुभाष देसाई शामिल हुए।शरद पवार ने कहा कि यह सरकार बनी और पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी।गठबंधन सरकार में सीएम किस पार्टी का होगा? इसके सवाल पर एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि सवाल बार-बार पूछा जा रहा है कि शिवसेना का सीएम क्या होगा? सीएम के पोस्ट को लेकर ही शिवसेना-बीजेपी के बीच में विवाद हुआ, तो निश्चित रूप से सीएम शिवसेना का होगा। शिवसेना को अपमानित किया गया है, उनकी स्वाभिमान बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी बनती है।
राज्य में फिलहाल राष्ट्रपति शासन लगा है क्योंकि चौबीस अक्तूबर को चुनाव परिणाम आने के बाद कोई भी पार्टी सरकार नहीं बना सकी। शिवसेना ने चुनाव पूर्व गठबंधन के बावजूद राज्य में भाजपा के साथ सरकार बनाने से इंकार कर दिया था क्योंकि भाजपा ने बारी-बारी से दोनों दलों का मुख्यमंत्री बनाने की शिवसेना की मांग नहीं मानी थी।
राज्य में फिलहाल राष्ट्रपति शासन लगा है क्योंकि चौबीस अक्तूबर को चुनाव परिणाम आने के बाद कोई भी पार्टी सरकार नहीं बना सकी। शिवसेना ने चुनाव पूर्व गठबंधन के बावजूद राज्य में भाजपा के साथ सरकार बनाने से इंकार कर दिया था क्योंकि भाजपा ने बारी-बारी से दोनों दलों का मुख्यमंत्री बनाने की शिवसेना की मांग नहीं मानी थी।
राज्य में फिलहाल राष्ट्रपति शासन लगा है क्योंकि चौबीस अक्तूबर को चुनाव परिणाम आने के बाद कोई भी पार्टी सरकार नहीं बना सकी। शिवसेना ने चुनाव पूर्व गठबंधन के बावजूद राज्य में भाजपा के साथ सरकार बनाने से इंकार कर दिया था क्योंकि भाजपा ने बारी-बारी से दोनों दलों का मुख्यमंत्री बनाने की शिवसेना की मांग नहीं मानी थी।
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