
महाराष्ट्र में शिवसेना के इस कट्टर विरोधी ने आखिरी मौके पर बिगाड़ा उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने का खेल
मुबई. महाराष्ट्र में राजनीतिक ‘भूचाल’ की चर्चा देश भर में हो रही है. शुक्रवार को ये तय हो गया था कि महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की सरकार बनेगी और उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री की कुर्सी मिलेगी. हालांकि शरद पवार (Sharad Pawar) के भतीजे अजित पवार (Ajit Pawar) ने रातों रात बीजेपी के साथ मिलकर शिवसेना का सारा खेल बिगाड़ दिया. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कैसे शरद पवार को छोड़ पवार ने अपना अलग रास्ता अपना लिया.
दोनों तरफ हो रही थी बात अंग्रेजी अखबार ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ के मुताबिक अजित पवार कुछ दिन पहले से ही दो अलग-अलग खेमे से बात कर रहे थे. यानी वो एनसीपी की तरफ से शिवसेना से भी बातचीत कर रहे थे और बीजेपी नेताओं से भी संपर्क में थे. कहा जा रहा है कि देवेंद्र फडणवीस के शपथ लेने से 12 घंटे पहले अजित पवार ने सरकार बनाने का असली खेल शुरू किया. अजित को था असली डील का इंतज़ार बीजेपी के महासचिव भूपेंद्र यादव शुक्रवार शाम को करीब 7 बजे मुंबई पहुंच गए. यादव के मुंबई पहुंचते ही अजित पवार ने अपने करीबियों के जरिए देवेंद्र फडणवीस को ये मैसेज भिजवाया कि अगर उन्हें सरकार में अच्छी भागीदारी मिल जाती है तो फिर वो उनके साथ मिलकर सरकार बनाने के लिए तैयार हैं.
राणे भी बने किंगमेकर इस डील में शिवसेना के पूर्व नेता नारायण राणे का भी काफी अहम रोल माना जा रहा है. बता दें कि राणे और अजित पवार दोनों विलासराव देशमुख की सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. इस बार के विधानसभा चुनाव में नारायण राणे के बेटे नीतेश को हराने के लिए शिवसेना ने पूरी ताकत झौंक दी थी, लेकिन जीत नीतेश को ही मिली. महाराष्ट्र में नई सुबह सरकार गठन पर बात बनते ही राजभवन को इसकी सूचना दी गई. सुबह 5 बजकर 27 मिनट पर महाराष्ट्र से राष्ट्रपति शासन हटाया गया और फिर 8 बजकर 5 मिनट पर देवेन्द्र फडणवीस और अजित पवार ने शपथ ले ली.
Related Posts
Post Comment
Latest News

Comment List