
संसद ने नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 को मंजूरी दी; राज्यसभा ने विधेयक को 105 के मुकाबले 125 वोटों से पारित किया
राज्यसभा ने आज नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पारित कर दिया है। सदन ने विधेयक को 105 के मुकाबले 125 वोटों से मंजूरी दी।
लोकसभा ने इस विधेयक को पहले ही पारित कर दिया है। सदन में विधेयक पर विपक्ष के संशोधनों को खारिज करते हुए विधेयक को मंजूरी दी।
बहस का उत्तर देते हुए गृहमंत्री ने कहा कि यह विधेयक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के अल्प संख्यकों को मुसीबतों से छुटकारा दिलाने के लिए एक ऐतिहासिक आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि धार्मिक आधार पर देश के विभाजन के बाद इन देशों में अल्पसंख्यकों को लगातार उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है।
गृहमंत्री ने सवाल किया कि कांग्रेस धर्म के आधार पर भारत के विभाजन को कैसे राजी हुई?
नागरिकता संशोधन अधिनियम में 1955 के नागरिकता अधिनियम में संशोधन करके अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के छह समुदायों के अवैध आप्रवासियों को भारतीय नागरिकता के लिए पात्र बनाने का प्रावधान किया गया है।
ये समुदाय हैं-हिन्दू, सिक्ख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई।
इस विधेयक की संवैधानिकता को लेकर सदस्यों के सवालों का जवाब देते हुए श्री शाह ने कहा कि इसमें शर्तों को पूरा करने के लिए तर्क संगत तरीके से वर्गीकरण किया गया है।
उन्होंने कहा कि उच्च सदन को जनता की भलाई की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कानून बनाने से नहीं हिचकना चाहिए।
उन्होंने सदन को आश्वासन दिया कि इस विधेयक में किसी भी मुसलमान की नागरिकता छीनने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि इसमें पड़ोस के तीन देशों में धार्मिक कारणों से सताये गये लोगों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है।
गृहमंत्री ने राज्यसभा को बताया कि पिछले पांच वर्षों में भारत ने इन देशों के 566 मुसलमानों को भी नागरिकता देने में उदारता दिखायी है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के विपरित एन डी ए सरकार की धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर विस्तृत परिभाषा है।
अमित शाह ने कहा कि यह विधेयक न तो जल्दीबाजी में लाया गया है और न ही इसमें मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए कथित रूप से कुछ छिपाने की कोशिश की गई है।
उन्होंने कहा कि 2015 में भी यह विधेयक लाया गया था। गृहमंत्री ने कहा कि नागरिकता अधिनियम में कई संशोधन किये गये हैं और श्रीलंका तथा यूगांडा के लोगों को नागरिकता दी गयी है।
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