
कुर्ला हलाओ पूल शिया जमा मस्जिद में जनरल कासिम सुलेमानी के चालीसवे पर ईरान के कल्चरल हाउस डायरेक्टर मोहसिन अशुरी आये
ज़ेन सय्यद
मुंबई के कुर्ला हलाओ पूल शिया जमा मस्जिद में जनरल कासिम सुलेमानी के चालीस वे दिन के मौके पे एक मजलिस आयुजित की गई थी अंजुमन ए गुलशन के अली की तरफ से इस मजलिस में ईरान के कल्चरल हाउस डायरेक्टर मोहसिन अशुरी भी आये थे उन्होंने कासिम सुलेमानी की जम के तारीफ की और अमेरिका की डर की वजह भी बताए जिसमे उन्होंने अमेरिका को बताया डरा हुआ अमेरिका जितना कासिम सुलेमानी की मौजूदगी में डारा हुआ नही था उतना उन्हें शाहिद करने के बाद डरा हुआ नजर आरहा है
कोन थे कासिम सुलेमानी
मेजर जनरल कासिम सुलेमानी खाड़ी क्षेत्र के सबसे ताकतवर सैन्य कमांडर थे. अमेरिका-इजरायल विरोधी संगठन एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस बनाने का श्रेय कासिल सुलेमानी को ही जाता है. पश्चिमी देशों की मानें तो कासिम सुलेमानी हमास और शिया मिलिशिया से ईरान के संबंधों का मुख्य सूत्रधार थे. साल 1990 के दशक में कासिम सुलेमानी को करमन प्रांत में रेवोल्यूशनरी गार्ड्स का कमांडर नियुक्त किया गया था, अफगान सीमा से ड्रग्स तस्करी रोकने में योगदान दिया. साल 1998 में उन्हें कुद्स फोर्स की कमान सौंपी गई थी. 2007 में जनरल याह्या रहीम सफावी के इस्तीफे के बाद रेवोल्यूशनरी गार्ड्स के मुखिया की दौड़ में भी वे शामिल थे. कासिम सुलेमानी की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे ईरान के आयतुल्लाह खामेनेई के प्रति सीधे जवाबदेह थे. कासिम सुलेमानी ईरानी रेवोल्यूशनरी गार्ड्स की कुद्स फोर्स का सबसे लंबे समय तक कमांडर रहे हैं. 2019 में ईरान के सर्वोच्च सैन्य सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ जुल्फीकार मेडल’ मिला था. 2018 में ईरानपोल और मैरीलैंड यूनिवर्सिटी की रायशुमारी में उनकी लोकप्रियता आसमान की बुलंदियों पर थी. उस साल उन्होंने राष्ट्रपति हसन रुहानी और विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ से भी ज्यादा लोकप्रियता हासिल कर ली थी.
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