
एल्गार परिषद-माओवादी सम्पर्क मामले में आनंद तेलतुम्ब्डे को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश
मुम्बई की एक विशेष अदालत ने एल्गार परिषद-माओवादी सम्पर्क मामले में आनंद तेलतुम्ब्डे को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। अदालत ने कोविड-19 का हवाला देते हुए तेलतुम्ब्डे की ओर से मांगी गई जमानत याचिका खारिज कर दी। राष्ट्रीय जांच अभिकरण-एनआईए ने तेलतुम्ब्डे को आत्मसमर्पण करने के बाद उच्चतम न्यायालय के आदेश पर 14 अप्रैल को गिरफ्तार किया था।
अपनी जमानत याचिका में तेलतुम्ब्डे ने कहा था कि उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही है। ऐसे में जेल में उसे कोविड संक्रमण का खतरा हो सकता है। अदालत ने उसकी यह दलील नहीं मानी और जमानत याचिका खारिज कर दी।
तेलतुम्ब्डे के साथ नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नौलखा और नौ अन्य के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधि निरोधक कानून के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। इन पर आरोप है कि इन्होंने भाजपा नीत सरकार का तख्ता पलट करने के लिए माओवादियों के साथ मिल कर षडयंत्र रचा था।
पुलिस के अनुसार इन लोगों ने 31 दिसम्बर 2017 को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद की बैठक में भड़काऊ भाषण दिए थे। पुलिस का कहना है कि ये सभी प्रतिबंधित माओवादी संगठनों के सक्रिय सदस्य हैं।
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