
सीबीआई की एक विशेष अदालत ने विजय माल्या के खिलाफ जांच में एजेंसी की मदद करने के लिए अमेरिका को एक ‘अनुरोध पत्र’ (एलओआर) जारी किया
मुंबई में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने करोड़ों रुपये की बैंक धोखाधड़ी मामले में विजय माल्या के खिलाफ जांच में एजेंसी की मदद करने के लिए अमेरिका को एक ‘अनुरोध पत्र’ (एलओआर) जारी किया है।
सीबीआई ने इसके लिए एक आवेदन दाखिल किया था जिसके बाद विशेष न्यायाधीश जयेन्द्र सी जगदाले ने एलओआर जारी किया।
सीबीआई ने कहा कि उसे अमेरिका से कुछ नए सबूतों की जरूरत है और प्राप्त हो चुके कुछ सबूतों के इस्तेमाल के लिए अमेरिका के अटॉर्नी जनरल की अनुमति की जरूरत है।
एलओआर एक औपचारिक पत्र व्यवहार है जो एक अदालत द्वारा किसी विदेशी अदालत और संबंधित न्यायिक प्राधिकरण से उन मामलों में किया जाता है जिनमें जांच और न्यायिक कार्यवाही लंबित होती है।
सीबीआई ने हाल में विशेष अदालत का रूख कर यह जांच करने के लिए एलओआर जारी करने का अनुरोध किया था कि माल्या और किंगफिशर एयरलाइंस के अमेरिका में बैंक खातों में प्राप्त धन का किन उद्देश्यों के लिए उपयोग किया गया।
जांच एजेंसी ने इन बैंक खातों से जुड़े सबूत इकट्टा करने के लिए भी अनुरोध किया था।
सीबीआई ने अदालत को बताया कि भारत में उसकी जांच से पता चला है कि आईडीबीआई बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और बैंकों के अन्य ‘कंसोर्टियम’ से ऋण प्राप्त करने के बाद, अभियुक्तों ने मंजूर की गई राशि को अन्य उद्देश्यों में इस्तेमाल किया।
सीबीआई के आग्रह को स्वीकार करते हुए न्यायाधीश जगदाले ने सोमवार को वाशिंगटन डीसी के अटार्नी जनरल को अनुरोध पत्र जारी करने के आदेश दिए।
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