
महाराष्ट्र राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की टिप्पणी धर्मनिरपेक्षता के संवैधानिक सिद्धांत के खिलाफ है : बालासाहेब थोराट
Maharashtra Governor Bhagat Singh Kosari comment is against the constitutional principle of secularism: Balasaheb Thorat
मुंबई : महाराष्ट्र में सत्तारूढ गठबंधन में शामिल कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में पूजा स्थलों को पुन: खोलने की राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की टिप्पणी धर्मनिरपेक्षता के संवैधानिक सिद्धांत के खिलाफ है। राज्य कांग्रेस के प्रमुख और राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने संवाददाताओं से कहा कि कोश्यारी भाजपा शासित गोवा के भी राज्यपाल हैं जहां कोरोना वायरस के कारण पूजा स्थल अब भी बंद हैं।
थोरात ने कहा, ‘‘राज्यपाल ने जो कहा है, वह संविधान में धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के खिलाफ है। हमें लगता है कि यह उचित नहीं है। क्या राज्यपाल के पत्र में प्रयुक्त भाषा को राष्ट्रपति अनुमोदित करेंगे?’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्य में कोरोना वायरस की स्थिति से निपटने के लिए ठाकरे ने व्यक्तिगत रूप से ध्यान दिया और राज्यपाल को महामारी से निपटने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा, ‘गोवा में भी शराब की दुकानें खुली हैं, लेकिन मंदिर बंद हैं। मुझे लगता है कि उन्होंने (राज्यपाल) वहां कोई पत्र नहीं भेजा है।’
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