
आरक्षण पर मुस्लिम भी मैदान में, 5 प्रतिशत आरक्षण मंजूर नहीं
Rokthok Lekhani
मुंबई : मुसलमानों को 5 प्रतिशत आरक्षण मंजुर नहीं है आरक्षण । संविधानिक होना चाहिए मुसलमानो को संविधान में आरकक्षण दिया गया है , जो कि 50 परसेंट में है। लेकिन हुकूमत अमल में नही लाती है इससे आसान करने की जरूरत है जाती प्रमाण पत्र आसानी से मिलने की जरूरत है । अपनी बात मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के समाने रखने के बाद अगर मांग मंजूर नहीं हूई, तो सुप्रिम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जायेगा । पीर मखदूम साहेब चेरीटेबल ट्रस्ट (वक्फ ) और से मुंबई मराठी पत्रकार संघ में आयोजित पत्रकार परिषद में ट्रस्ट के वकील गुनरतने सदावर्ते ने कही.
आंदोलन करना गलत उन्होंने कहा की मुसलमानों को संविदान के अनुसार आरक्षण मिलना चाहिए इसके लिए राज्य के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को पत्र भेजा जायेगा अगर मांगे नहीं मानी गई तो युप्रिम कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी .
मुसलिम समाज भी कर सके विकास
सदवारते ने कोरोनाकाल में मराठा व ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर निकाले जा रहे मोर्चे और आंदोलन को गलत कहा कि देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है और बड़े- बड़े आदोलन किए जा रहे है । माहिम व हाजी अली दरगाह ट्रस्ट के ट्रस्टी सुहैल खडवानी ने कहा कि मुस्लिम आरक्षण एक गंभीर मुद्दा है । सरकार को इस पर विचार करके आरक्षण देना चाहिए जिससे मुस्लिम समाज भी विकास कर सके। इस अवसर पर एडवोकेट जयश्री पाटिल, पत्रकार फैजल शेख माहिम दरगाह प्रवक्ता उपस्थित थे।
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