
स्कूल खोलने के नियमों में बदलाव, अभिभावकों की लिखित अनुमति जरूरी
Rokthok Lekhani
मुंबई : राज्य के कोविड मुक्त ग्रामीण भागों में कक्षा 8वीं से 12वीं तक के स्कूल खोलने को लेकर संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। छात्रों को वापस स्कूल लाने के लिए बैक टू स्कूल मुहिम लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं गांव स्तर पर समिति का गठन करने तथा स्कूल आने के लिए छात्रों के अभिभावकों की लिखित अनुमति आवश्यक होगी।
इस बारे में जारी परिपत्र में कहा गया है कि 15 जुलाई 2021 से राज्य के कोविड मुक्त क्षेत्रों में स्कूल खोलने की अनुमति प्रदान की गई है। ग्राम पंचायत प्रस्ताव पारित कर तय नियमों के अधीन रहकर पहले चरण में कक्षा 8वीं से 12वीं तक की कक्षाएं शुरु कर सकती हैं।
परिपत्र में कहा गया है कि कोविड मुक्त गांवों की ग्राम पंचायतों को उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाले स्कूल में 8वीं से 12वीं तक कक्षाएं शुरु करने को लेकर अभिभावकों से चर्चा कर प्रस्ताव पारित करना होगा। साथ ही ग्राम पंचायत स्तर पर सरपंच की अध्यक्षता में एक समिति गठित करनी होगी।
समिति के सदस्यों में तलाठी, स्कूल प्रबंधन समिति अध्यक्ष, मुख्य अध्यापक व केंद्र प्रमुख शामिल होंगे। निमंत्रित सदस्यों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के मेडिकल अधिकारी, सदस्य सचिव के रूप में ग्रामसेवक होंगे। संबंधित गांव में स्कूल शुरू होने से कम से कम 1 महीने पहले तक कोविड मरीज नहीं मिला हो। जिला कलेक्टर शिक्षकों के टीकाकरण की योजना प्राथमिकता के रूप में बनाएं।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला परिषद एवं शिक्षा अधिकारी को जिला कलेक्टर के साथ फॉओअप करना होगा। भीड़ से बचने के लिए छात्रों के माता-पिता को स्कूल परिसर में अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। यदि छात्र संक्रमित हो गया तो प्रधानाध्यापक को तुरंत स्कूल बंद करना चाहिए और स्कूल को कीटाणुरहित करना चाहिए।
स्कूल शुरू करते समय बच्चों को अलग-अलग चरणों में स्कूल बुलाया जाना चाहिए। कोविड को लेकर सभी नियमों का कड़ाई से पालन जरूरी होगा। एक बेंच पर एक छात्र, दो बेंच के बीच छह फीट की दूरी, एक कक्षा में अधिकतम 15-20 छात्र होने चाहिए। साबुन से लगातार हाथ धोना, मास्क का उपयोग जरूरी है।
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