मुंबई में बेबस बेटियों ने चार दिनों तक घर में छिपाए रखी पिता की लाश
Rokthok Lekhani
मुंबई : कोरोना महामारी ने राज्य में जमकर तबाही मचाई, हालांकि राज्य सरकार और प्रशासन की तत्परता की वजह से कोरोना ने घुटने टेक दिए। लेकिन इस कोरोना, क्वॉरंटीन और कहर की एक दर्दनाक दास्तां विरार-पश्चिम में सामने आई है। यहां पिता की मृत्यु के बाद बेटियों ने चार दिनों तक उसके शव को छिपाए रखा था।
दरअसल पिता की मृत्यु के बाद दोनों बेटियों को डर था कि कहीं वे भी कोरोना संक्रमण की चपेट में न आ गई हों या फिर उन्हें कहीं क्वॉरंटीन न होना पड़ जाए। ऐसे में बेसहारा बेटियों ने आत्महत्या करने का प्लान बनाया। दोनों बहनों ने एक साथ आत्महत्या करने का प्रयास किया, जिसमें एक की मौत हो गई लेकिन गनीमत रही कि पुलिस ने एक बहन को बचा लिया।
एसीपी चंद्रकांत जाधव ने बताया कि विरार-पश्चिम के गोकुल टाउनशिप की एक अपार्टमेंट में किराए पर बुजुर्ग अपनी पत्नी और दो बेटियों के साथ रहते थे। वे सरकारी सेवा से २००७ में सेवानिवृत्त हुए थे, उन्हें मिलने वाली पेंशन से उनका घर चलता था। उनकी दोनों बेटियां अविवाहित थीं। मृतक पिछले कुछ वर्षों से बीमार थे। १ अगस्त को पिता का हार्टअटैक से निधन हो गया, लेकिन दोनों को लगा कि उनके पिता की मौत कोरोना के कारण हुई है। लड़कियों को डर था कि उनकी भी कोरोना जांच होगी और उन्हें क्वॉरंटीन होना पड़ेगा। इस डर से उन लोगों ने अपने पिता के शव को ४ दिनों तक घर में छिपाकर रखा। पिता के शव के पास ही दोनों बेटियां रात-दिन रहती थीं।
विरार में घटी एक घटना ने सबको झकझोर दिया है। अपने पिता के निधन के बाद बेसहारा हुई उसकी दो बेटियों ने मौत को गले लगाने का पैâसला लिया, जिसमें एक को सफलता तो मिल गई लेकिन दूसरी बेटी बच गई। एसीपी चंद्रकांत जाधव ने बताया कि क्वॉरंटीन होने के डर से दोनों बेटियों ने आत्महत्या करने का प्लान बनाया। इसके बाद सोमवार रात को दोनों ने एक साथ नींद की दवा खाई और सुबह-सुबह समुद्र में कूदकर आत्महत्या करने का पैâसला किया। हालांकि दवाई का असर ज्यादा हो गया, जिससे छोटी बेटी की नींद नहीं खुली, वहीं बड़ी बहन ने मंगलवार को नवापुर स्थित समुद्र में कूदकर आत्महत्या कर ली। जब छोटी बहन की नींद खुली तो बड़ी बहन घर में दिखाई नहीं दी, जिसके बाद वो समझ गई कि बड़ी बहन ने आत्महत्या कर ली है।
बुधवार की सुबह छोटी बहन भी आत्महत्या करने के विचार से समुद्र किनारे गई लेकिन स्थानीय पुलिस और जॉगिंग करनेवाले लोगों ने उसे बचा लिया। पुलिस पूछताछ में छोटी बेटी ने मामले का खुलासा किया। पुलिस छोटी बेटी के साथ घर गई और उसके पिता के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। लड़कियों के पिता पुलिस चौकी के पास राशनिग अधिकारी के पद पर कार्यरत थे। वे २००७ में रिटायर हो गए थे। घर में इकलौता कमानेवाला होने की वजह से उनकी पेंशन से परिवार का भरण-पोषण चल रहा था। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। डीसीपी प्रशांत वाघुंडे ने बताया कि बुजुर्ग की पत्नी मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं और दोनों लड़कियां अविवाहित थीं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा कि उसकी मौत किस वजह से हुई है?
Comment List