
मुंबई : बीएमसी में फर्जी दस्तावेज से 28 साल नौकरी का खुलासा, कर्मचारी गिरफ्तार
Rokthok Lekhani
मुंबई : बीएमसी में फर्जी दस्तावेजों के जरिए एक कर्मचारी के 28 साल से नौकरी (Job) करने की सनसनीखेज जानकारी सामने आयी है। आजाद मैदान पुलिस ने उस फर्जी कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इस साल जुलाई में उसके खिलाफ मामला दर्ज था।
53 वर्षीय रमेश मारुति शेलार पिछले 28 साल से निगम में माली का काम कर रहे थे। इसके लिए उसने नौकरी पाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था। शेलार ने निगम में कार्यरत एक अन्य व्यक्ति के नाम के दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था। शेलार ने 1993 में माली के रूप में काम करना शुरू किया। रमेश शेलार ने निगम में काम करने वाले मारुति साबले के दस्तावेजों का इस्तेमाल निगम में काम करने के लिए किया था।
एक नाम पर दो कर्मचारी कर रहे थे काम
सोपान मारुति साबले 1989 से निगम में चपरासी के पद पर कार्यरत हैं। नगर निगम के अधिकारियों ने देखा कि दो लोग एक ही दस्तावेज पर काम कर रहे थे। इसके लिए उसने दोनों के दस्तावेज मांगे। तभी से रमेश शेलार ने काम पर आना बंद कर दिया। इसके बाद निगम के अधिकारियों को शेलार पर शक हुआ। उसके बाद एनएमसी की ओर से आजाद मैदान स्टेशन में मामला दर्ज कराया गया। पुलिस ने रमेश मारूति शेलार को गिरफ्तार कर लिया।
जुन्नार तालुका में काम करने वाले एक तहसीलदार ने शेलार को फर्जी दस्तावेज दिए थे। जबकि किशन नाम के एक व्यक्ति ने पुलिस को बताया कि शेलार को निगम ने काम पर रखा है। शेलार की गिरफ्तारी के बाद उसका असली नाम सामने आया। उसने निगम में कार्यरत सोपान मारुति साबले के दस्तावेजों का उपयोग कर निगम में काम कर रहा था। शेलार ने फर्जी पैन कार्ड और आधार कार्ड बनाए थे, जिससे उन्हें कभी शक नहीं हुआ। इतना ही नहीं शेलार का बैंक खाता भी मारुति सेबल के नाम से ही था। हालांकि वह अपने खाते में पैसे ट्रांसफर करता था। शेलार के पास दो पैन कार्ड और दो बैंक खाते थे।
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