
पिंपरी: महानगरपालिका की स्थायी समिति में एंटी करप्शन का छापा, चेयरमैन समेत 4 एसीबी की हिरासत में
Rokthok Lekhani
पिंपरी : समस्त एशिया द्वीप समूह में अमीर कहलाने वाली पिंपरी चिंचवड़ महानगरपालिका के गलियारों में बुधवार को तब खलबली मच गई, जब आर्थिक लेनदेन के लिए बदनाम रही स्थायी समिति में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने छापा मारा। बुधवार शाम चार बजे के करीब की गई कार्रवाई में एसीबी की टीम ने स्थायी समिति सभापति एड. नितिन लांडगे के पीए ज्ञानेश्वर पिंगले समेत तीन लोगों को एक ठेकेदार से दो लाख रुपए की घूस लेते रंगेहाथ पकड़ा।
ये पैसे मंजूर ठेके का वर्क ऑर्डर जारी करने के लिए स्वीकारे जाने की बात सामने आरही है। इस छापेमारी के बाद एसीबी की टीम देर शाम तक स्थायी समिति सभापति के कार्यालय में चेयरमैन समेत आरोपियों से पूछताछ करती रही। इसके बाद चारों को हिरासत में लिया गया। महानगरपालिका के इतिहास में किसी पदाधिकारी के खिलाफ की गई एसीबी की पहली बड़ी कार्रवाई है।
एसीबी के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आज स्थायी समिति की साप्ताहिक बैठक थी। इस बैठक में महानगरपालिका द्वारा मंजूर किये जानेवाले टेंडरों को अंतिम मंजुरी दी जाती है। इसके लिए ठेकेदार कंपनियों से मोटी रकम बतौर कमीशन के वसूली जाती है। एक टेंडर के लिए 9 लाख रुपए कमीशन मांगे गए थे। संबंधित ठेकेदार ने इसकी शिकायत एसीबी से की थी। इस शिकायत की पुष्टि करने के बाद दो दिन से महानगरपालिका मुख्यालय में एसीबी की टीम जाल बिछाए हुए थी। आज साप्ताहिक बैठक के दिन मुख्यालय की पार्किंग में स्थायी समिति सभापति एड. नितिन लांडगे के पीए ज्ञानेश्वर पिंगले और चपरासी अरविंद कांबले और राजेंद्र शिंदे को संबंधित ठेकेदार से दो लाख रुपए की नकद स्वीकारते हुए एसीबी की टीम ने रंगेहाथ पकड़ लिया।
इस धरपकड़ के बाद एसीबी की टीम तीनों को महानगरपालिका मुख्यालय की तीसरी मंजिल पर स्थायी समिति सभापति के कार्यालय में पहुंची। कार्रवाई की भनक लगते ही स्थायी समिति के चेयरमैन नितिन लांडगे चुपचाप निकलकर महापौर ऊषा ढोरे के कार्यालय में जा बैठे। हालांकि एसीबी की टीम उन्हें वहां से उठाकर उनके कार्यालय में ले आयी। यहां देर शाम तक चली पूछताछ के बाद चेयरमैन लांडगे, उनके पीए ज्ञानेश्वर पिंगले, चपरासी अरविंद कांबले और राजेंद्र शिंदे को हिरासत में लिया गया। इस कार्रवाई से पूरे पिंपरी चिंचवड़ शहर समेत पुणे में खलबली मच गई।
एसीबी की कार्रवाई में किसी बड़े पदाधिकारी को हिरासत में लिए जाने का यह महानगरपालिका इतिहास में पहला अवसर है। खबर लिखे जाने तक एसीबी की कार्रवाई चलती रही। इस बीच सभागृह नेता नामदेव ढाके ने इस कार्रवाई को सियासी बताकर जांच के बाद सच्चाई सबके सामने आने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा भ्रष्टाचार और गलत कामों का कभी समर्थन नहीं करेगी, जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी ही।
Related Posts
Post Comment
Latest News

Comment List