
यूनिटेक समूह के पूर्व प्रमोटर चंद्रा बंधुओं को दिल्ली की तिहाड़ से मुंबई की आर्थर रोड व तलोजा जेल में भेजा
Rokthok Lekhani
मुंबई : यूनिटेक समूह के पूर्व प्रमोटर संजय चंद्रा व उनके भाई अजय चंद्रा को दिल्ली की तिहाड़ जेल से मुंबई की आर्थर रोड और तलोजा जेल स्थानांतरित कर दिया गया। उन्हें मुंबई शिफ्ट करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था। दिल्ली के जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि चंद्रा बंधुओं को शनिवार को मुंबई स्थानांतरित कर दिया गया।
गोयल ने बताया कि संजय व अजय चंद्रा को पुलिस की सुरक्षा में शनिवार सुबह ट्रेन से मुंबई ले जाया गया। वे मुंबई पहुंच गए हैं और रविवार अल सुबह उन्हें जेलों में बंद कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड व जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने उन्हें मुंबई की जेलों में शिफ्ट करने का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 26 अगस्त को यूनिटेक के पूर्व प्रमोटर संजय चंद्रा और अजय चंद्रा को तिहाड़ जेल से मुंबई की आर्थर रोड जेल और तलोजा जेल में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था। शीर्ष कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से तिहाड़ जेल के उन अधिकारियों की व्यक्तिगत रूप से जांच करने के लिए कहा है, जिन्होंने कथित तौर पर चंद्रा के साथ सांठगांठ की थी।
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोर्ट को बताया कि यूनिटेक के दोनों पूर्व प्रमोटर संजय और अजय चंद्रा ने जेल से एक डमी निदेशक को प्रभावित करने की भी कोशिश की, जिससे एजेंसी ने पूछताछ की थी। ईडी ने बताया कि यूनिटेक के पूर्व संस्थापकों ने बाहरी दुनिया से संपर्क करने और संपत्तियों का निपटारा करने के लिए तिहाड़ जेल परिसर के बाहर कर्मियों को तैनात किया है।
बता दें कि यूनिटेक के प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा अपने भाई अजय चंद्रा के साथ जेल में बंद है। इनके खिलाफ कंपनी की गुरुग्राम स्थित परियोजनाओं के 158 खरीदारों ने आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया हुआ है। खरीदारों के अलावा आयकर विभाग ने भी कंपनी पर 950 करोड़ रुपये का कर बकाया होने के चलते खुद को इस मामले में एक पार्टी बनाए जाने का आग्रह सर्वोच्च न्यायालय से किया हुआ है।
कंपनी और उसके प्रमोटर संजय चंद्रा तथा अजय चंद्रा पर यह भी आरोप है कि उन्होंने अवैध तरीके से 2000 करोड़ रुपये साइप्रस और केमैन द्वीप भेजे। ईडी ने मामले में चार मार्च को शिवालिक समूह, त्रिकार समूह, यूनीटेक समूह और मुंबई एवं एनसीआर में कार्नोस्ती समूह के 35 ठिकानों पर छापे मारे थे। इस मामले में अब तक कुल 595.61 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की जा चुकी है।
Related Posts
Post Comment
Latest News

Comment List