मुंबई : अच्छे दिन से हुई नवंबर की शुरुआत, १०० करोड़ का आया राजस्व
Rokthok Lekhani
मुंबई : नवंबर महीने के पहले ३ दिन मुंबई में करीब डेढ़ हजार से अधिक मकानों की खरीदी-बिक्री हुई है, इससे राज्य सरकार को मुद्रांक शुल्क के माध्यम से १०० करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है। इसे मुंबई के गृह निर्माण क्षेत्र की ओर से राज्य सरकार को ‘दिवाली का तोहफा’ माना जा रहा है।
इस बार दिवाली पर घर खरीदी-बिक्री के आंकड़े सतोषजनक रहे। मुद्रांक शुल्क में कोई सहूलियत न होते हुए भी पिछले दो-तीन महीनों में प्रतिदिन करीब ४-५ सौ घरों की बिक्री हुई है। इस साल अक्टूबर महीने में ८,५०० घरों की बिक्री हुई है, जो कि पिछले साल की तुलना में बहुत अधिक है।
वहीं नवंबर की शुरुआत में हुई बंपर बिक्री के कारण गृह निर्माण क्षेत्र से जुड़े विकासकों में खुशी की लहर दिखाई दे रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी दिनों में नई परियोजनाओं की लॉन्चिंग में तेजी आएगी। विकासकों को उम्मीद है कि आनेवाले दिनों में गृह निर्माण क्षेत्र का तेजी से विकास होगा।
बता दें कि इसी प्रकार मुंबई में सितंबर महीने में हुई घरों की बिक्री ने पिछले १० सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। सितंबर में सर्वाधिक ७,७९९ घरों की बिक्री हुई थी। सरकार के रजिस्ट्रेशन और मुद्रांक विभाग से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार गत अगस्त महीने की तुलना में १५% अधिक घरों की बिक्री हुई थी और २०२० के सितंबर महीने की तुलना में ३९% अधिक घरों की बिक्री हुई थी।
सितंबर २०२० में राज्य सरकार ने मुद्रांक शुल्क में सहूलियत दी थी, तब मुंबई में ५,५९७ घरों की बिक्री हुई थी, इस साल सितंबर में घर खरीदी-बिक्री के माध्यम से राज्य सरकार को ५२८ करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। बैंक द्वारा गृह कर्ज पर किए गए कम ब्याज दर एवं राज्य सरकार द्वारा विकासकों को दी गई सहूलियतों के कारण घर बिक्री में इजाफा हुआ। २०१९ में कोरोना नहीं होने के बाद भी सितंबर महीने में ४,०३२ घरों की ही बिक्री हुई थी।
महाराष्ट्र संपदा नियामक प्राधिकरण (महारेरा) के पास पिछले साढ़े ४ वर्षों में रजिस्टर्ड हुए करीब २२ प्रतिशत गृह निर्माण परियोजनाएं पूरी हो गई हैं, ७६ प्रतिशत परियोजनाएं प्रगति पथ पर हैं, ग्राहकों को निर्धारित अवधि के अंदर घर देने के लिए महारेरा नियमों के कारण परियोजनाएं समय पर पूरी हो रही हैं, जिससे घर खरीदारों को फायदा हो रहा है। केंद्र सरकार का महारेरा कानून १ मई २०१७ से आया है।
राज्य सरकार ने ८ मार्च २०१७ को महारेरा लागू किया है। महारेरा के पास गृह निर्माण परियोजना को रजिस्टर्ड कराना अनिवार्य है। इसी प्रकार परियोजना को निश्चित अवधि के अंदर पूरा करना भी अनिवार्य है। उपभोक्ताओं को फंसानेवाले विकासकों को काली सूची में डाला जाता है। विकासक के विरोध में उपभोक्ता महारेरा में शिकायत दर्ज करा सकता है। विकासक परियोजना को समय पर पूरा करने को प्रधानता देने लगे हैं। इसके अनुसार पिछले साढ़े चार साल से महारेरा के पास राज्य में ३२ हजार ११७ परियोजनाएं रजिस्टर्ड हुई हैं, जिसमें से ७,२४९ विकासकों ने परियोजनाओं को समय पर पूरा किया है।
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