
मुंबई : डेंगी का संकट बरकरार, इस वर्ष डेंगी के मामले 77 फीसद अधिक
Rokthok Lekhani
मुंबई : मलेरिया, लेप्टो को छोड़कर मुंबई में डेंगी, गैस्ट्रो हेपेटाइटिस और चिकनगुनिया का संकट अब भी बरकरार है। पिछले नवंबर के मुकाबले इस वर्ष नवंबर में मलेरिया और लेप्टो के मामलों में कमी देखी जा रही है, लेकिन डेंगी, गैस्ट्रो के मामले में इजाफा देखा जा रहा है।
नवंबर 2020 की तुलना में इस वर्ष डेंगी के मामले 77 फीसद अधिक पाए गए हैं, जबकि गैस्ट्रो के मामले 18 फीसद। बता दें कि मॉनसून में पनपने वाली बीमारियों में से मलेरिया और लेप्टो को छोड़कर अन्य बीमारियों की चिंता अब भी बीएमसी को बनी हुई है।
बीएमसी स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, नवंबर 2020 में मलेरिया के 342 मामले थे, जबकि इस वर्ष सिर्फ 234 ही मरीज मिले हैं। बीते वर्ष मलेरिया से एक की मौत हुई थी, जबकि इस वर्ष इस बीमारी एक भी मौत नहीं हुई है। यही हाल लेप्टो का भी रहा। नवंबर 2020 में लेप्टो के 32 मामले थे, जबकि इस नवंबर में सिर्फ 6 ही मरीज मिले हैं।
इन बीमारियों के अलावा, मुंबईकरों में डेंगी, गैस्ट्रो, हेपेटाइटिस, चिकनगुनिया और स्वाइन फ्लू का साया टला नहीं है। नवंबर 2020 के मुकाबले नवंबर 2021 में इन बीमारियों के मामले अधिक पाए गए हैं। नवंबर 2020 में चिकनगुनिया और स्वाइन फ्लू शून्य थे, जबकि इस वर्ष चिकनगुनिया का अधिक प्रभाव रहा।
डेंगी, चिकनगुनिया और जिका वायरस एडीज इजिप्टी मच्छर से फैलता है। बीएमसी कीटनाशक विभाग के प्रमुख राजन नरिंगरिकर ने बताया कि अब तक डेंगी मच्छरों के 76 हजार लार्वा खत्म किए गए हैं। कीटनाशक विभाग रोजाना 233 लार्वा नष्ट करता है।
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