
16 वर्षीय की लड़की चली थी मुंबई में मॉडल बनने और बन गई सेक्स वर्कर
Rokthok Lekhani
मुंबई : मोहब्बत की नगरी कहे जाने वाला शहर आगरा (Agra) यूं तो बेपनाह मोहब्बत की निशानी का गवाह है. लेकिन, इस शहर में ना जाने कितने ही दीवाने ऐसे भी हैं जिनकी मोहब्बत या सपने इस शहर में आने के बाद हमेशा हमेशा के लिए जमींदोज हो गए. ऐसा ही एक मामला है कोलकाता की रानी का.
यह दुनिया अजीब अजीब तरह की मानसिक सोच के व्यक्तियों से भरी हुई है. कोई महत्वकांक्षी है तो कोई अति महत्वकांक्षी कोई उत्साही है तो कोई अति उत्साही और सभी जानते हैं कि जहां अति लग जाता है वहां चीजें बिगड़ना शुरू हो जाती हैं. ऐसे ही एक मामले को आज हम आपके सामने लेकर आ रहे हैं जिसमें महज 16 साल की एक लड़की जो अति उत्साह में आकर अपने घर को छोड़कर कुछ अच्छा मुकाम हासिल करने निकली थी. लेकिन पहुंच गई कही और..
बात है सन 2020 की जब पूरी दुनिया 19 को छोड़कर 20 में प्रवेश कर रही थी तो वहीं कोलकाता की रहने वाली एक लड़की अपने घर को छोड़कर मॉडलिंग की दुनिया में कदम रखने के लिए निकली घरवालों के मना करने के बावजूद अपने सपने को हकीकत बनाने के लिए बिना घर वालों को बताएं रानी (काल्पनिक नाम) मुंबई के लिए एक ट्रेन पकड़ लेती है. घर से पहली बार अकेले इतना लंबा सफर करना रानी के लिए भी आसान नहीं था. लेकिन, अति उत्साह में आकर दुनिया की परवाह किए बिना रानी ने यह कदम उठा लिया.
अपनी सुंदरता पर इतराते हुए कोलकाता की रानी अब मुंबई की रानी बनने का सपना देख रही थी. सपना देखते देखते ना जाने मुंबई तक का सफर ट्रेन से कब पूरा हो गया यह रानी को पता ही नहीं चला. मुंबई के स्टेशन पर उतरने के साथ ही रानी ने अपने मुंबई के मित्रों से संपर्क करने का प्रयास किया. कुछ समय बाद रानी का संपर्क मुंबई के उन मित्रों से हो गया जिनसे मिलने के लिए वह कोलकाता से मुंबई आई थी. मुंबई में रहने की कोई व्यवस्था ना होने के कारण रानी उन्हीं लोगों के साथ उनके रूम में रहने को चली गई.
मुंबई की तेज चलने वाली जिंदगी में रानी भी अब ढलने लगी थी. सुबह उठने के साथ ही अखबार में मॉडलिंग के इश्तेहार तलाशना उसका रोजमर्रा का काम हो गया था. कई जगह रानी ने ऑडिशन भी दिए. लेकिन, कहीं भी रानी को सफलता नहीं मिली. दिन हफ्तों में बदले और हफ्ते महीनों में लेकिन रानी की सफलता अभी भी उससे कोसों दूर थी. अति उत्साह में अपने घर से निकली रानी का उत्साह अब पूरी तरह से ठंडा हो चुका था कुछ समय बाद रानी के दोस्तों ने भी उससे पल्ला झाड़ना शुरू कर दिया.
सफलता न मिलने के कारण रानी के मन में कई बार यह ख्याल आया कि क्यों ना वापस अपने घर कोलकाता चला जाया जाए. लेकिन अति महत्वकांक्षा की शिकार रानी चाह कर भी वापस अपने घर नहीं गई. आखिरकार 1 दिन रानी के मित्रों ने उसे अपने घर से बाहर कर ही दिया. अब इस मुंबई शहर में ना तो रानी के पास कोई मित्र था और ना ही सर छुपाने के लिए कोई छत.
पैसों की तंगी के चलते रानी की सुंदरता भी अब रानी से पीछा छुड़ाने लगी थी. 1 दिन अखबार में एक मॉडलिंग के ऑडिशन का इश्तेहार देखने के बाद रानी ऑडिशन सेंटर पहुंचती है. रानी की हालत देखकर उसे ऑडिशन देने का मौका तो नहीं मिलता. लेकिन एक लड़का उसे मिलता है जो उसे काफी देर से घूर रहा था. मायूस हुई रानी को सहारा देते हुए वह लड़का पास की चाय की दुकान पर रानी को अपने साथ ले जाता है और चाय पिलाते हुए रानी से उसका परिचय मांगता है.
चाय की चुस्की लेते हुए रानी ने धीमे से अपना परिचय दिया और साथ ही उस लड़के से उसका परिचय मांगा लड़के ने अपना परिचय देते हुए कहा कि “मेरा नाम अरुण है” और मैं नए मॉडल जो अच्छी मॉडलिंग कर सकें उनकी तलाश में हूं. यह शब्द सुनते ही रानी को जैसे अपनी मंजिल अपने बहुत करीब नजर आने लगी और वह तुरंत अरुण को अपने बारे में सब कुछ डिटेल में बताने लगी. साथ ही कोलकाता के अपने मॉडलिंग के फोटो भी दिखाने लगी. रानी की मासूमियत का फायदा उठाते हुए अरुण ने रानी को बोला कि मेरा अगला प्रोजेक्ट मोहब्बत की नगरी आगरा में है “क्या तुम मेरे साथ आगरा चलोगी”…..
यह शब्द सुनते ही रानी को ऐसा लगा कि मानो उसके सपने अब हकीकत में बदलने ही वाले हैं. लेकिन ,शायद समय को कुछ और ही मंजूर था. हंसते खेलते रानी अरुण और उसका ग्रुप मुंबई से आगरा के लिए रवाना हुआ.
आगरा के एक होटल में कुछ रूम बुक कराए गए, समय-समय पर कुछ लोग रानी और उसके साथ की लड़कियों को देखने आने लगे. जिस प्रोजेक्ट के लिए मुंबई से आगरा आया गया था. उसकी कोई भी तैयारी ना होते हुए देख और रोजाना ग्रुप में से एक दो लड़कियां कम होती देख आखिरकार रानी ने अरुण से पूछ ही लिया की यह प्रोजेक्ट कब शुरू होगा और ग्रुप की कुछ लड़कियां कहां गायब हो गई?
रानी के इन प्रश्नों को सुनकर अरुण एक बात तो समझ चुका था कि रानी को बहुत लंबे समय तक अपने पास रोक कर रख पाना संभव नहीं था. दूसरे दिन सुबह जब रानी सो कर उठी तो अरुण होटल से उसके लिए चाय लेकर आया और बोला आज वह जल्दी तैयार हो जाए , क्योंकि हम सब लोग अब ऑडिशन के लिए जा रहे हैं ,रानी यह बात सुनकर बहुत खुश हो गई और चाय पीते पीते ना जाने कहां खो गई???
रानी की जब आंख खुली तो उसकी निगाह सबसे पहले दीवार पर टंगी घड़ी पर पहुंची घड़ी की सुई शाम के 6:00 बजा रही थी. रानी को यह समझते देर न लगी कि उसका मित्र अरुण उसे धोखा देकर कहीं चला गया जल्दी-जल्दी में रानी उस कमरे के बाहर निकली तो देखा कमरे के बाहर एक अधेड़ उम्र की महिला 45 आदमियों के साथ बैठी हुई थी. अब रानी समझ चुकी थी कि उसके साथ जो भी हो रहा है वह गलत है.
रानी को बाहर आता हुआ देख वह महिला पहले तो रानी से प्यार से बात करने लगी और उसे कुछ समझाने लगी लेकिन रानी के मना करने पर उस महिला के इशारे पर वहां खड़े वह आदमी रानी के संग मारपीट करने पर उतारू हो गए आखिरकार हार मान कर रानी को उस महिला की बात माननी ही पड़ी और फिर शुरू हुआ रानी की बोली लगने का सिलसिला. और तब से लेकर अब तक रानी इस दलदल मैं फसी हुई है, ऐसा नहीं कि रानी के माता पिता को इस बारे में कुछ पता ना चला हो गुमशुदगी में मुकदमा दर्ज करवाने के कुछ समय बाद ही पुलिस द्वारा रानी का पता लगा लिया गया था.
रानी के पिता रानी को ढूंढते हुए आगरा भी आए थे लेकिन एक बार फिर रानी के नसीब में जाने का साथ छोड़ दिया और उसके पिता आगरा से वापस खाली हाथ लौट गए तो यह थी कोलकाता की रानी की कहानी आगरा के कश्मीरी बाजार में चंद पैसों के लिए अपने देह का व्यापार करती है.
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