
ईडी ने स्वाभाविक जमानत की अनिल देशमुख की याचिका का विरोध किया
मुंबई, प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को यहां एक विशेष अदालत को बताया कि महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को स्वाभाविक जमानत नहीं दी जा सकती क्योंकि एजेंसी ने धनशोधन मामले में उनकी गिरफ्तारी से 60 दिन की निश्चित अवधि के अंदर आरोपपत्र दाखिल कर दिया था।
एजेंसी ने धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामलों पर सुनवाई करने वाली एक विशेष अदालत के समक्ष हलफनामा दाखिल किया। देशमुख की याचिका के जवाब में हलफनामा दाखिल किया गया। याचिका में इस आधार पर स्वाभाविक जमानत की मांग की गयी थी कि अदालत ने आरोपपत्र का संज्ञान नहीं लिया है।
ईडी ने कहा कि अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 167 के तहत स्वाभाविक जमानत पाने के आरोपी के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए अदालत के आरोपपत्र के संज्ञान लेने का सवाल संगत नहीं है।
एजेंसी ने अदालत से अनुरोध किया कि देशमुख की जमानत अर्जी को खारिज किया जाए। हलफनामे में कहा गया कि आरोपपत्र और पूरक आरोपपत्र दाखिल होने के बाद स्वाभाविक जमानत की अवधारणा पर विचार नहीं किया जा सकता।
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