Rokthok Lekhani
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महाराष्ट्र : महाराष्ट्र में मध्य मुंबई के वर्ली में भाजपा नेता पंकजा मुंडे के कार्यालय में मंगलवार को एक जनसभा के आयोजकों सहित 42 लोगों के खिलाफ कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन करने पर एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी।
एक अधिकारी ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 188 और 269 के अलावा आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत आयोजकों के साथ ही सभा में भाग लेने वालों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। हाल ही में हुए मंत्रिपरिषद विस्तार में पंकजा मुंडे की बहन एवं सांसद प्रीतम मुंडे को जगह नहीं मिलने के बाद पंकजा मुंडे के समर्थक वर्ली में उनके कार्यालय पर अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए एकत्र हुए थे।
भाजपा की राष्ट्रीय सचिव और राज्य की पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए उन खबरों को खारिज किया जिसमें कहा गया था कि वह “दबाव की रणनीति” का इस्तेमाल कर रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा उनके नेता हैं।
बता दें कि भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे स्व. गोपीनाथ मुंडे की बड़ी बेटी पंकजा मुंडे के तेवर मंगलवार को नरम दिखाई दिए। पंकजा ने छोटी बहन प्रीतम मुंडे को मोदी मंत्रिमंडल में पद नहीं मिलने पर नाराजगी तो जताई, लेकिन लगे हाथ यह भी कहा कि यह धर्मयुद्ध का सही वक्त नहीं है। पंकजा ने पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह व पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को अपना नेता बताते हुए नाराज कार्यकर्ताओं के इस्तीफे नामंजूर कर दिए।
पंकजा ने मंगलवार को अपने समर्थक पार्टी कार्यकर्ताओं से चर्चा की और इसके बाद ये बातें कहीं। पंकजा ने कहा कि कार्यकर्ताओं को विश्वास था कि हमें हालिया विस्तार में केंद्र में मंत्री पद मिलेगा। इस कारण कार्यकर्ताओं ने विरोध स्वरूप इस्तीफे का प्रस्ताव किया था। इसके साथ ही पंकजा ने अपने उन कार्यकर्ताओं के त्यागपत्र भी अस्वीकार कर दिए हैं जिन्होंने भाजपा छोड़ने की घोषणा की थी।पंकजा ने अपनी बहन प्रीतम के केंद्रीय मंत्री नहीं बन पाने के लिए महाराष्ट्र के भाजपा नेतृत्व को जिम्मेदार बताया।
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