Rokthok Lekhani
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महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के पालघर जिले की एक विशेष अदालत ने एक नाबालिग आदिवासी लड़की के मोलेस्टेशन के आरोप में एक हॉस्टल सुप्रिटेंडेंट को पांच साल की जेल की सज़ा सुनाई है. मामला तलासरी का है. इंडिया टुडे से जुड़ी विद्या की रिपोर्ट के मुताबिक़, केस 2017-18 का है. विक्टिम धामनगांव के एक सरकारी स्कूल में दसवीं में पढ़ती थी. स्कूल के ही हॉस्टल में रहती थी. आरोपी 2007 से उसे विद्यालय में अधीक्षक के पद पर काम कर रहा था.
तलासरी पुलिस के पास दर्ज शिकायत के मुताबिक़, 31 दिसंबर 2017 की शाम करीब छह बजे, जब पीड़िता अपने हॉस्टल के कमरे में थी, तो सुप्रिटेंडेंट ने उसे फोन करके बताया कि उसके घर से फोन आया है. जब वो ऑफिस गई तो कहा कि फोन कट गया और 9 से 9.30 बजे के बीच दोबारा फोन आएगा. इसके आगे सुप्रिटेंडेंट ने पीड़िता से कहा कि उस समय आना और किसी को न बताना. करीब 9:30 बजे सुप्रिटेंडेंट ने फिर फोन किया और कहा कि उसके घर से फोन आया है. इसलिए, वो वापस ऑफिस गई.
आरोप है कि सुप्रिटेंडेंट वहां अकेला था और उसने कमरे का दरवाज़ा बंद कर लिया. दोषी सुप्रिटेंडेंट ने पीड़िता को शर्ट उतारने के लिए कहा. पीड़िता ने मना किया, तो उसने खुद ही उसकी शर्ट उतार दी. इसके बाद पीड़िता को मोलेस्ट किया. घटना के बारे में किसी को न बताने के लिए धमकाया.
पुलिस के पास दर्ज शिकायत में कहा गया है कि डरी हुई लड़की ने ये बात किसी को नहीं बताई.
फिर 24 फरवरी, 2018 को पीड़िता ने अपनी एक क्लासमेट को इस घटना के बारे में बताया. तब ये पता चला कि उसकी क्लासमेट के साथ भी ऐसा हुआ है. फिर दोनों ने अपने और क्लासमेट्स से बात की और बात ग्रामीणों को पता चली, जो आरोपी को पुलिस के पास ले गए.
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