Rokthok Lekhani
Follow @rokthoklekhani
मुंबई : बच्चों पर हुए सीरो सर्वे के बाद अब 15 जुलाई से पांचवां सीरो सर्वे शुरू किया जाएगा। इसमें बच्चों को छोड़कर शहर के सभी आयु के लोगों का सर्वेक्षण कर पता किया जाएगा कि उनमें कोरोना वायरस से लड़ने वाली कितनी एंटीबॉडी विकसित हुई है।
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के एक अधिकारी ने बताया कि पांचवा सीरो सर्वे संभावित कोरोना वायरस की तीसरी लहर के मद्देनजर किया जा रहा है। इससे यह पता लगाया जाएगा कि मुंबई में कितने लोगों में एंटीबॉडी तैयार हुई है। बीएमसी के सभी 24 वार्डों में सीरो सर्वे करने की तैयारी की गई है। हाल ही में बच्चों का सर्वेक्षण किया गया जिसमें पाया गया कि 1 से 18 साल की उम्र के लोगों में 51.18 फीसदी एंटीबॉडी विकसित हुई है।
इसलिए पांचवे सर्वे में बच्चों को शामिल नहीं किया जाएगा। इस बीच, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटर रिसर्च (टीआईएफआर) ने भी अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित हुए लोगों का डाटा तैयार किया है जिसमें कहा गया है कि मुंबई में तीसरी लहर खतरनाक होने की संभावना बहुत कम है। जब तक कि कोरोना वायरस किसी दूसरे वैरिएंट के साथ न आए। टीआईएफआर के अनुसार मुंबई में झुग्गी बस्ती के 90 फीसदी और गैरझुग्गी बस्ती के 70 फीसदी लोग कोरोना वायरस के संक्रमण में आ चुके हैं।
बीएमसी अधिकारियों को आशंका है कि पहली लहर में झुग्गी बस्तियों में कोरोना का ज्यादा कहर बरपा था जबकि दूसरी लहर में इमारतों में कोरोना का व्यापक असर रहा। ऐसे में तीसरी लहर का असर झुग्गी बस्तियों में अधिक हो सकता है। बीएमसी ने पहला और दूसरा सीरो सर्वे क्रमश: जुलाई और अगस्त 2020 में कराया था। उसके बाद अप्रैल 2021 में तीसरा सीरो सर्वे हुआ था। जिसमें 10 हजार लोगों के नमूने लिए गए थे। इसमें झुग्गी बस्तियों में पहले की अपेक्षा कम एंटीबॉडी मिली थी। वहीं, गैर झुग्गी बस्तियों में 28 फीसदी एंटीबॉडी पाई गई थी।
Click to Follow us on Google News