Rokthok Lekhani
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महाराष्ट्र : समाजसेवी अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने कहा है कि सरकार के मंत्री भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में हैं. सरकार नहीं चाहती कि महाराष्ट्र भ्रष्टाचार मुक्त हो, मगर जब तक राज्य भ्रष्टाचार मुक्त नहीं होता, तब तक जंग जारी रहेगी. एक लड़ाई देश के दुश्मनों के साथ लड़ी, दूसरी लड़ाई देश में छिपे दुश्मनों से लड़नी है. 9 अगस्त से महाराष्ट्र में लोकायुक्त कानून लागू होने की मांग को लेकर अन्ना हजारे रालेगण सिद्धी में आंदोलन आरंभ करने जा रहे हैं.
बता दें कि 2016 में लोकायुक्त कानून महाराष्ट्र में लागू करने की मांग को लेकर अन्ना हजारे ने रालेगण सिद्धी में आठ दिन तक अनशन किया था. उस वक़्त तत्कालीन सीएम देवेंद्र फडणवीस ने अन्ना का अनशन तुड़वाने के लिए अन्ना की सभी शर्तों को मानकर लोकायुक्त कानून बनाने के लिए एक कमेटी गठित की थी.
सरकार के पांच और अन्ना हजारे के पांच सदस्यों वाली टीम ने मिलकर लोकायुक्त कानून का मसौदा तैयार किया था, उसके बाद राज्य में उद्धव ठाकरे की सरकार बन गई. अन्ना हजारे ने लोकायुक्त कानून बनाने की मांग को लेकर सात बार चिट्ठी लिखी, मगर ठाकरे सरकार की तरफ से एक भी जवाब नहीं मिला. दो दिन पहले अन्ना हजारे ने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर घोषणा की थी कि लोकायुक्त कानून के लिए फिर से एक बार आंदोलन की आवश्यकता है.
अन्ना ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 2011 में दिल्ली के रामलीला मैदान में लोकपाल के लिए आंदोलन किया था. लोकपाल केंद्र के लिए और लोकायुक्त राज्यों के लिए है. केंद्र में लोकपाल तो बना, लेकिन राज्यों में लोकायुक्त नहीं बन पाया. अन्ना हजारे ने कहा कि कई राज्यों ने लोकायुक्त बनाया. महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस थे, तब छह दिन तक आंदोलन किया. कानून बनाने का काम आरंभ हो गया, लेकिन सरकार बदल गई.
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