Rokthok Lekhani
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मुंबई : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लगभग 4.20 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी। वहीं, ईडी का कहना है कि उसने भ्रष्टाचार के एक मामले में पीएमएलए के तहत महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और उनके परिवार की 4.20 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति कुर्क की है। इधर, ईडी मनी लांड्रिंग मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की पत्नी आरती देशमुख से पूछताछ करेगा।
ईडी ने उन्हें गुरुवार को अपने मुंबई कार्यालय में बुलाया है। देशमुख के वकील कमलेश घुमरे का कहना है कि अनिल देशमुख मानते हैं कि उनके खिलाफ ईडी की जांच न्यायसंगत नहीं है। इसलिए वह ईडी के सामने उपस्थित नहीं हो रहे हैं।
घुमरे ने बुधवार को कहा, ‘जहां तक मेरी जानकारी है, आरती देशमुख एक घरेलू महिला हैं। उनका इस मामले से कोई मतलब नहीं है। ईडी का मामला गिरफ्तार किए जा चुके एक पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाझे के बयान पर आधारित है। जबकि वाझे ने इसी मामले की जांच के लिए बने एक सदस्यीय चांदीवाल आयोग को जो हलफनामा दिया है, वह अलग है।
जो बातें उसने सीबीआइ व ईडी को बताई हैं, उससे अलग तथ्य आयोग को सौंपे हैं। अपने हलफनामे में साफ कहा है कि उसने अनिल देशमुख या उनके पीए कुंदन शिंदे को कोई पैसा नहीं दिया है।’ बता दें कि ईडी की जांच में सामने आ चुका है कि सचिन वाझे ने मुंबई के बार मालिकों से वसूली करते समय कहा था कि यह पैसा नंबर-1 को जाने वाला है।
इस बारे में घुमरे ने पूछे जाने पर कहा कि यह सभी जानते हैं कि पुलिस बल में नंबर एक कौन होता है। उस समय पुलिस बल में वाझे का नंबर एक पुलिस आयुक्त ही हो सकता है।
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