Rokthok Lekhani
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मुंबई : बृहनमुंबई महानगर पालिका यानी बीएमसी ने फिलहाल अपने सातवीं कक्षा तक के स्कूलों को खोलने के फैसले को 15 दिनों के लिए टाल दिया है। अब मुंबई शहर में 15 दिसंबर से छोटे बच्चों के लिए स्कूल खोले जाएंगे। बीएमसी ने यह फैसला ओमिक्रोन के संभावित खतरे को देखते हुए लिया है। पहले इन स्कूलों को 1 दिसंबर से खोला जाना था।
बीएमसी के शिक्षा अधिकारी राजू तड़वी ने बताया कि ओमिक्रोन वायरस काफी खतरनाक हो सकता है। ऐसे में स्कूल को शुरू करने के पहले अभिभावकों की मंजूरी लेना जरूरी है। साथ ही छोटे बच्चों को कोरोना संबंधी नियमों के पालन के बारे में समझाने को लेकर भी हमने यह फैसला लिया है।
इन पंद्रह दिनों में हम बच्चों के अभिभावकों से संपर्क करके उनकी सहमति लेंगे। साथ ही उन्हें अपने बच्चों को कोरोना संबंधी नियमों के पालन को लेकर जागरूक करने का भी अनुरोध करेंगे।
मुंबई शहर में कुल तीन हजार चार सौ बीस स्कूल हैं। जिनमें पहली से लेकर सातवीं तक के दस लाख पचास हजार स्टूडेंट्स हैं। वहीं इन स्कूलों में 60 हज़ार स्टाफ ड्यूटी करते हैं। फिलहाल 82 फीसदी स्कूल स्टाफ का टीकाकरण किया जा चुका है। BMC के इस फैसले के बाद स्कूल ऑफलाइन पढ़ाई का सपना देख रहे हैं छात्रों को 15 दिन का और इंतजार करना पड़ेगा।
कोरोना के प्रति विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिए सूचना फलक लगाने और विद्यार्थियों को सही तरीके से हाथ धोने का प्रशिक्षण देने का आदेश स्कूलों को दिया गया था। स्कूलों में केवल बगैर लक्षण वाले स्टाफ और अभिभावकों को प्रवेश मिलेगा।
महाराष्ट्र राज्य शिक्षक परिषद के कार्यवाहक शिवनाथ दराडे ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में कोरोना का नए वैरिएंट मिलने के बाद सरकार को एक बार अपने आदेश पर पुनर्विचार करना चाहिए। नए वैरिएंट के बारे में पूरी जानकारी हासिल करने के बाद 1 दिसंबर के बजाय 10 दिसंबर के बाद प्राथमिक स्कूलों को खुलने पर विचार करना चाहिए।
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