Rokthok Lekhani
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मुंबई : मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह और वर्तमान में मुंबई पुलिस से जुड़े एक अन्य वरिष्ठ डीसीपी रैंक के आईपीएस अधिकारी के खिलाफ ठाणे में दर्ज जबरन वसूली के एक मामले में लुकआउट नोटिस जारी किया गया है. ठाणे पुलिस के एक वरिष्ठ सूत्र ने सीएनएन-न्यूज18 को बताया, ‘यह प्रक्रिया पांच दिन पहले शुरू हुई थी, लेकिन अब औपचारिक रूप से सर्कुलर जारी कर दिया गया है.’ कई अन्य पुलिस अधिकारियों को भी नोटिस जारी किया गया है.
जबरन वसूली के आरोप में अधिकारियों के खिलाफ ठाणे में पहले से दो प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज है. एफआईआर में परमबीर सिंह, सेवानिवृत्त ‘इनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा, पुलिस उपायुक्त दीपक देवराज, सहायक पुलिस आयुक्त एन. टी. कदम, निरीक्षक राजकुमार कोठमीरे और दो अन्य कनिष्ठ स्तर के अधिकारियों सहित कुल 28 लोगों के नाम दर्ज किए गए हैं. एक बिल्डर केतन तन्ना (54) की शिकायत पर आईपीसी की धारा 324 (मारपीट), 384 (जबरन वसूली), 392 (डकैती) और 506 (आपराधिक धमकी) के अलावा आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था.
तन्ना ने आरोप लगाया है कि जब सिंह जनवरी 2018 से फरवरी 2019 के बीच ठाणे के पुलिस आयुक्त थे, तब उनसे 1.25 करोड़ रुपये की वसूली की गई थी. तन्ना का आरोप है कि उन्हें जबरन वसूली रोधी प्रकोष्ठ के कार्यालय बुलाया गया था और झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी गई थी. तन्ना ने आरोप लगाया कि उनलोगों ने उसके दोस्त और कथित सट्टेबाज सोनू जालान से भी इसी तरह से 3 करोड़ रुपये से अधिक की उगाही की.
मुंबई पुलिस ने परमबीर सिंह और पांच अन्य अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार और जबरन वसूली के आरोपों की जांच के लिए सात सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है. सिंह और पांच अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ जबरन वसूली के आरोप में मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज किए जाने के एक सप्ताह बाद यह हुआ था.
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