Rokthok Lekhani
Follow @rokthoklekhani
मुंबई : सीबीआई के जांच अधिकारी ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में 100 करोड़ रुपए की वसूली मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन एक साजिश के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। यह दावा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने किया है। सचिन सावंत ने एक ट्वीट कर सीबीआई की कथित रिपोर्ट के कुछ अंश का भी हवाला दिया है, जिसमें कहा गया है कि सीबीआई अधिकारी को अपनी जांच में पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की कोई भूमिका नहीं मिली थी और उन्होंने जांच बंद करने की सिफारिश की थी।
सावंत ने कहा है इस रिपोर्ट से महाराष्ट्र विकास आघाडी सरकार को बदनाम करने के लिए केंद्र को मोदी सरकार के षड़यंत्र का खुलासा हो गया है। उन्होंने इस मामले में जांच अधिकारी की रिपोर्ट को नजरअंदाज कर सीबीआई द्वारा एफआईआर दर्ज करने की साजिश का सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराए जाने की मांग की है। हालांकि जिस रिपोर्ट का जिक्र सावंत ने अपने ट्वीट में किया है, उसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।
सीबीआई की कथित रिपोर्ट को डीएसपी आर.एस. गुंज्याल ने तैयार किया था। नहीं हुई देशमुख- वझे की मुलाकात सावंत ने सीबीआई की कथित रिपोर्ट के आधार पर यह भी कहा है कि कि पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख और निलंबित पुलिस कर्मचारी सचिन वझे किसी तरह की अकेले में मीटिंग या मुलाकात नहीं हुई थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि हर मीटिंग में वझे के साथ तत्कालीन पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह मौजूद रहते थे।
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर हर महीने 100 करोड़ रुपए वसूली करने का आरोप लगाया था। जिसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। इस आरोप के बाद देशमुख को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा है, वहीं उन पर गिरफ़्तारी की तलवार भी लटक रही है। सीबीआई बताए सच्चाई सीबीआई की जो रिपोर्ट वायरल हुई है, उसकी सच्चाई को लेकर अभी तक खुलासा नहीं हुआ है। ऐसे में सीबीआई को यह बताना चाहिए कि इसकी सच्चाई क्या है।
मीडिया की भी जिम्मेदारी है कि वे इस बारे में सच्चाई सामने लाए। यदि यह रिपोर्ट फर्जी है तो इस तरह के समाचार फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, नवाब मलिक, राष्ट्रीय प्रवक्ता, एनसीपी बीजेपी की साजिश मैं हमेशा से कहता आ रहा हूं कि बीजेपी ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह से हाथ मिला कर अनिल देशमुख और हमारी पार्टी को बदनाम करने की साजिश रची थी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने सीबीआई को 15 दिनों के भीतर प्रारंभिक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। अगर इसमें कोई गलती की गई है तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जानी चाहिए, ग्राम विकास मंत्री हसन मुश्रिफ ने कहा।
Click to Read Daily E Newspaper
Download Rokthok Lekhani News Mobile App For FREE
Click to Follow us on Google News