Rokthok Lekhani
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मुंबई : दक्षिण मुंबई के मरीन ड्राइव में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अल जबरिया कोर्ट नाम की एक इमारत को जब्त कर लिया है। आयकर विभाग ने इसे बेनामी संपत्ति घोषित कर दिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एनसीपी नेता छगन भुजबल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में धन निवेश करने के संदेह में इमारत के लेनदेन की जांच की थी। पूछताछ में पता चला था कि जिस कंपनी ने बिल्डिंग खरीदा था कंपनी के पास इतना पैसा नहीं था कि वह बिल्डिंग खरीद सके। प्रवर्तन निदेशालय पर एनसीपी नेता अरशद सिद्दीकी के जरिए पैसा लगाने का शक था।
इस इमारत की मौजूदा बाजार कीमत 100 करोड़ रुपए है। ईडी को संदेह था कि महाराष्ट्र सदन घोटाले के पैसे का इस्तेमाल इमारत की खरीद के लिए किया गया था। अरशद सिद्दीकी और भुजबल के भतीजे समीर भुजबल दिसंबर 2013 में कुवैत गए थे। कुवैत में वे शाही परिवार के सदस्यों से मिले, जिनके पास इमारत थी। उसके बाद इमारत खरीदने के समझौते पर चर्चा की। इस तरह के सबूत ईडी को मिले थे। ईडी महाराष्ट्र सदन घोटाले की जांच कर रही है। खबर है कि ईडी ने संबंधित कंपनी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। शुक्रवार को इमारत को बेनामी संपत्ति घोषित किया गया और शनिवार को आयकर विभाग ने इमारत को जब्त कर लिया।
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