Rokthok Lekhani
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मुंबई : भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, जुहू हवाई अड्डा, एयर फोर्स लैंड सांताक्रुज, नेवी कुलाबा, रेलवे, मुंबई पोर्ट ट्रस्ट, भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर, आईआईटी मुंबई, आरसीएफ, एमटीएनएल, एलआईसी, बीपीसीएल, कस्टम, एनएसजी, आरबीआई, पीएनटी आदि केंद्र सरकार की जमीन पर झोपड़पट्टी पुनर्वसन परियोजनाओं में लगभग ८,३३३.५३ एकड़ भूमि का समावेश है। इन जमीनों पर अधर में लटकी परियोजनाओं को तेज गति से पूरा करने में प्रशासन जुट गया है।
बता दें कि मुंबई की प्रलंबित झोपड़पट्टी पुनर्वसन योजना को गति देने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में पिछले दिनों बैठक हुई थी। इस बैठक में केंद्र सरकार की जमीन पर मुंबई की प्रलंबित झोपड़पट्टी पुनर्वसन परियोजना को लेकर चर्चा हुई थी। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को तीव्र गति से परियोजनाओं को पूरा करने के निर्देश दिए थे।
इस बैठक में विभाग की ओर से झोपड़पट्टी परियोजना को गति देने के लिए ठोस उपाय भी सुझाए गए थे, जिस पर मुख्यमंत्री ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी।
मुंबई की प्रलंबित परियोजनाओं के लिए निविदा प्रक्रिया से विकासक की नियुक्ति करने का प्रस्ताव रखा गया था। इस योजना के तहत जिन झोपड़ाधारकों के किराए बाकी थे, उनका पुनर्वसन का काम अधर में लटका है, ऐसी योजनाओं के लिए झोपड़पट्टी पुनर्वसन प्राधिकरण की ओर से निविदा जारी करके नए विकासक की नियुक्ति करने, झोपड़पट्टी पुनर्वसन प्राधिकरण और म्हाडा की संयुक्त भागीदारी के अंतर्गत योजना को पूरा करने आदि विषयों पर बैठक में चर्चा की गई थी।
इसके अलावा इस बैठक में ‘अभय योजना’ का विकल्प भी सुझाया गया था। ‘अभय योजना’ के अंतर्गत झोपड़ाधारक के किराए और प्रलंबित योजना को पूरा करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से मान्यताप्राप्त वित्तीय संस्थाओं को अनुमति देने का प्रस्ताव भी रखा गया था। मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक के बाद प्रशासन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए पूरी ताकत से जुट गया है, ऐसी जानकारी झोपड़पट्टी पुनर्वसन प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी।
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