Rokthok Lekhani
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मुंबई : ओबीसी आरक्षण को लेकर राज्य सरकार ने इम्पेरिकल डेटा इकट्ठा करने के लिए आयोग गठित किया है.कुछ मुद्दे को लेकर आयोग के सदस्यों में मतभेद है .सूत्रों से ऐसी जानकारी मिली है.आयोग के कुछ सदस्यों ने शिकायत की है कि आयोग मानदंडों के बाहर काम कर रहा है,जो ओबीसी आरक्षण को प्रभावित कर सकता है.सूत्रों का कहना है कि आरक्षण के लिए आयोग के पास अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का डेटा एकत्र करने का अधिकार न होने के बावजूद भी डेटा इकट्ठा कर रहा है, इसलिए ओबीसी का डेटा एकत्र करने में समय लगेगा।
अवैध डेटा एकत्र करने के बाद दोनों समाज के बीच टकरार बढ़ने की संभावना है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आयोग के कुछ सदस्य अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति दोनों का एक साथ डाटा इकट्ठा करने का विरोध कर रहे है उनका कहना है कि ओबीसी आरक्षण को लेकर आयोग को सिर्फ ओबीसी जाति का डेटा इकट्ठा करना चाहिए दोनों समाज का डाटा इकट्ठा करने पर टकरार बढ़ने के साथ -साथ इम्पेरिकल डाटा इकट्ठा करने में समय लग सकता है.वही आयोग के कुछ सदस्य इससे सहमत नहीं है.
ओबीसी आरक्षण को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को जिला परिषदों, पंचायत समिति, ग्राम पंचायतों और नगर निगमों, नगर पालिकाओं और स्थानीय निकायों जैसे पिछड़े वर्गों (अन्य पिछड़ा वर्ग, वंचित जातियों, जनजातियों) को आरक्षण प्रदान करने के लिए एक समर्पित आयोग का गठन करने का निर्देश दिया था। इसके बाद राज्य सरकार ने ओबीसी समाज का इम्पेरिकल डेटा इकट्ठा करने के लिए एक समर्पित आयोग का गठन किया है।
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