Rokthok Lekhani
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मुंबई : राज्य सरकार ने महाराष्ट्र विधानसभा में चल रहे दो दिनों के मॉनसून सत्र में आज OBC आरक्षण को लेकर प्रस्ताव मंजूर कर लिया. इस प्रस्ताव में ओबीसी आरक्षण के लिए केंद्र सरकार से इम्पिरिकल डाटा देने की मांग की गई है. इस प्रस्ताव पर सत्ताधारियों और विपक्षी नेताओं के बीच जोरदार बहस हुई. नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने इस मुद्दे पर कहा कि यह प्रस्ताव राजनीतिक मकसद को पूरा करने के लिए लाया गया है. इसमें ओबीसी समाज का हित नहीं है. इस प्रस्ताव से ओबीसी वर्ग को आरक्षण मिलने वाला नहीं है.
ओबीसी आरक्षण से जुड़ा प्रस्ताव भास्कर जाधव द्वारा मंजूरी के लिए पेश किया गया. प्रस्ताव पर बहस के दौरान विधानसभा में जोरदार हंगामा हुआ. विपक्षी पार्टी के विधायक संजय कुटे और गिरिश महाजन सहित कुछ विधायक वेल तक पहुंच गए. अपनी बात कहते हुए उन्होंने स्पीकर की माइक को मोड़ डाला. विधायक आशिष शेलार ने इन सबको वेल से अपनी जगह पर जाने की नसीहत दी और उन्हें अपनी सीटों तक ले गए. हंगामे के बीच दस मिनट तक विधानसभा की कार्यवाही रोकनी पड़ी. इस बीच भी अध्यक्ष के सामने विपक्षी नेताओं और सत्ताधारियों में जोरदार बहस होती रही. आखिर में आरक्षण से जुड़ा यह प्रस्ताव ध्वनिमत से पास किया गया.
इस बीच प्रस्ताव पास होने से पहले देवेंद्र फडणवीस और छगन भुजबल के बीच काफी देर तक बहस हुई. फडणवीस ने कहा कि पॉलिटिकल इम्पिरिकल डाटा सिर्फ राज्य सरकार जुटा सकती है. इसमें केंद्र का कोई रोल नहीं है. ऐसा कहते हुए देवेंद्र फडणवीस ने इस प्रस्ताव को गलत बताया. उन्होंने कहा कि सरकार ओबीसी समाज को भ्रमित कर रही है. इस प्रस्ताव से ओबीसी समाज को आरक्षण नहीं मिलने वाला है. राज्य सरकार सिर्फ टाइम पास कर रही है. हमारा समर्थन चाहिए तो जैसा सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है उस मुताबिक कार्रवाई करें.
लेकिन छगन भुजबल अपनी बात पर अड़े रहे और कहते रहे कि ओबीसी आरक्षण के लिए इम्पिरिकल डाटा जुटाना जरूरी है और लाख कोशिशों के बावजूद अभी तक केंद्र सरकार ने यह डाटा उपलब्ध नहीं करवाया है. इसीलिए ओबीसी आरक्षण रूका हुआ है. भुजबल ने कहा कि जाइए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से यह लेकर आइए. श्रेय आपको ही मिलेगा. कहिए तो हम भी आपके साथ आते हैं. जो गलती हुई उसे ठीक कीजिए. आपने 6 से 7 साल तक क्या किया?
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